सोशल मीडिया पर फर्जी खबरें और अफवाहें फैलाने वाले जेल जाएंगे। दिल्ली विधानसभा की शांति एवं सद्भाव समिति की पहली बैठक में निर्णय लिया गया है कि सोशल मीडिया पर दो समुदायों के बीच नफरत व घृणा फैलाने वालों को तीन साल की सजा होगी। दिल्ली हिंसा को ध्यान में रखकर यह निर्णय लिया गया है। विधानसभा में हुई बैठक की अध्यक्षता विधायक सौरभ भारद्वाज ने की।
निर्णय के मुताबिक, समिति सोशल मीडिया पर लगाम लगाने के लिए एक एजेंसी की मदद लेगी। एजेंसी सबसे पहले फर्जी खबरों की जांच करेगी। इसके बाद आरोपियों पर मुकदमा दर्ज कराएगी। सोशल मीडिया पर फर्जी खबरें फैलाने वालों की जानकारी देने वाले व्यक्ति को 10 हजार रुपये इनाम मिलेगा। चेयरमैन सौरभ भारद्वाज ने बैठक के बाद कहा कि दो समुदायों के बीच नफरत या दुश्मनी फैलाने वाली खबर को फारवर्ड या रीट्वीट करने, फेसबुक पर शेयर करने पर 3 साल कैद की सजा हो सकती है। जो भी व्यक्ति व्हाट्स ऐप ग्रुप या फेसबुक आदि पर ऐसा मैसेज देखे, वह उसका स्क्रीन शॉट लेकर समिति को भेजे। इसे लॉ इनफोर्समेंट एजेंसी को भेजा जाएगा। समिति अपने पास एक लीगल एक्सपर्ट टीम भी रखेगी।
सेवानिवृत्त पुलिस अफसरों की लेंगे मदद
सौरभ भारद्वाज ने बताया कि समिति सेवानिवृत्त आला पुलिस अधिकारियों की मदद लेगी। वे राय देंगे कि गड़बड़ी व घृणा फैलाने वालों को किस तरह सजा दी जाए। समिति के सदस्यों ने ऐसी खबरों की जानकारी भी दी, जिसमें दोनों ही समुदायों के सोशल मीडिया के ग्रुप में शामिल शरारती तत्वों ने झूठी जानकारियाें दी थीं। आरडब्ल्यूए के व्हाट्स ऐप ग्रुप के अंदर भी ऐसे फर्जी मेसेज की जानकारी मिली है।
आज जारी होंगे शिकायत के लिए मोबाइल नंबर और ई-मेल आईडी
समिति दिल्ली में हुए दंगों का कारण भी पता लगाएगी। सौरभ भारद्वाज इस समिति के चेयरमैन हैं, जबकि अब्दुल रहमान, अजय कुमार महावर, अतिशी, बीएस जून, जरनैल सिंह, दिलीप पांडेय, कुलदीप कुमार और राघव चड्ढा सदस्य हैं। समिति मंगलवार को मोबाइल नंबर के साथ एक ई-मेल आईडी भी जारी करेगी। इस पर लोग फर्जी वायरल खबरों व मेसेज की शिकायत कर सकेंगे।