कांग्रेस का मिशन निकाय: रणनीति तैयार, प्रभारी मंत्री सिंबल लेकर हुए रवाना

शहरी निकाय चुनाव (Local body elections) के नतीजे आने के बाद अब कांग्रेस (Congress) में ज्यादा से ज्यादा निकायों में अपना बोर्ड (Board) बनाने कवायद जोरों पर है. कांग्रेस के रणनीतिकार (Strategist) अब निकायवार व्यूह रचना में जुटे हुए हैं.  कांग्रेस का फोकस 23 उन निकायों पर है जहां सत्ता की चाबी निर्दलीय पार्षदों (Independent Councilors) के हाथ में है. गुरुवार को निकाय प्रमुखों के नामांकन (Nomination) का आखिरी दिन है. इसके लिए मोटे तौर पर बुधवार को ही पूरी व्यूह रचना बना ली गई है.

निकाय प्रमुख टिकट भी स्थानीय स्तर पर ही होगा तय
कांग्रेस ने जिलों के प्रभारी मंत्रियों, संगठन प्रभारियों और जिलाध्यक्षों को निकाय चुनाव की पूरी जिम्मेदारी सौंपी है. जिलों के प्रभारी मंत्री सिंबल लेकर बुधवार को ही रवाना हो चुके हैं. पालिकाध्यक्ष, सभापति और मेयर उम्मीदवार की टिकट भी यही टीम तय करेगी. इस बार पार्षद से लेकर निकाय प्रमुख तक के टिकट स्थानीय स्तर पर ही तय किए जा रहे हैं.

निर्दलीय पार्षदों की बाड़ेबंदी भी शुरू की


इस व्यूह रचना के तहत निकाय प्रमुखों के चुनाव तक खुद के पार्षदों के साथ-साथ निर्दलीय पार्षदों की बाड़ेबंदी शुरू कर दी गई है. पूरा काम प्रभारी मं​त्रियों, विधायकों और जिलाध्यक्ष की देखरेख में हो रहा है. ज्यादातर मंत्री जिलों में पहुंच रहे हैं.

कांग्रेस ने 961 वार्डों में जीत दर्ज कराई है
गौरतलब है कि प्रदेश के 49 निकायों के 2105 वार्डों के घोषित चुनाव नतीजों में कांग्रेस ने बीजेपी के मुकाबले बढ़त ली है. 2105 वार्डों में से कांग्रेस ने 961, बीजेपी ने 737, निर्दलीय ने 386, बहुजन समाज पार्टी ने 16, एनसीपी ने 2 और माकपा ने 3 वार्डों में जीत दर्ज कराई है. राजस्थान में कांग्रेस ऑवर ऑल बढ़त में रही है, लेकिन उदयपुर, बीकानेर और भरतपुर नगर निगम में वह बीजेपी के मुकाबले पिछड़ गई है. उदयपुर निगम में बीजेपी को स्पष्ट बहुमत मिला है. बीकानेर नगर निगम में वह बहुमत के करीब है, जबकि भरतपुर में बीजेपी और निर्दलीय बराबर रहे हैं.